tag:blogger.com,1999:blog-7504797080830932950.post1354674479216743538..comments2023-08-09T13:59:38.919+05:30Comments on राही मासूम रज़ा का साहित्य ( RAHI MASOOM RAZA ): GAZALvangmyapatrikahttp://www.blogger.com/profile/05065900084189339880noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7504797080830932950.post-15579389923488870432009-02-25T08:37:00.000+05:302009-02-25T08:37:00.000+05:30भिखमंगा हो, धोबी हो, वह भंगी हो कि नाईसाधू हो कि ज...भिखमंगा हो, धोबी हो, वह भंगी हो कि नाई<BR/>साधू हो कि जोगी हो, वह बाबा हो कि माई<BR/>वह गाँव का मुखिया हो, कि बीवी का हो भाई<BR/>जो आया सिपाही के लिए यह खबर आई<BR/>या राह में, या गाँव में उसने यह सुना है<BR/>हर गाँव,हर एक शहर बगावत पे तुला है<BR/>sunder शब्दों का पर्योग किया है ....बहुत खूबMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.com