tag:blogger.com,1999:blog-7504797080830932950.post6597789839148375753..comments2023-08-09T13:59:38.919+05:30Comments on राही मासूम रज़ा का साहित्य ( RAHI MASOOM RAZA ): GAZALvangmyapatrikahttp://www.blogger.com/profile/05065900084189339880noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7504797080830932950.post-91248295204202575992009-02-24T22:20:00.000+05:302009-02-24T22:20:00.000+05:30जब बात वतन की है तो क्या भाई भतीजाअंग्रेजों के जो ...जब बात वतन की है तो क्या भाई भतीजा<BR/>अंग्रेजों के जो साथ हैं उनसे नहीं रिश्ता<BR/>मजहब को भी है बात नहीं कोई तमाशा<BR/>अंग्रेजों की फौजों से निकल आये तो अच्छा<BR/>रोके से न मानेगी जो एक बार चलेगी<BR/>हम रन की तरफ जाते हैं तलवार चलेगी<BR/><BR/>वाह क्या बात कही है ...बहुत खूबMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.com