राही मासूम रज़ा का साहित्य ( RAHI MASOOM RAZA )
Thursday, February 26, 2009
GAZAL
हर गाँव में हर शहर में एलान हुआ है
यह काम कुछ इस तरह भी आसान हुआ है
तनख्वाहों के बटने का भी सामान हुआ है
दरबार से दिल्ली के यह फरमान हुआ है
जीते तो बड़ा नाम भी, दौलत भी मिलेगी
काम आए, तो इस राह में जन्नत भी मिलेगी
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