राही मासूम रज़ा का साहित्य ( RAHI MASOOM RAZA )
Sunday, January 4, 2009
धर्म के रखवालो
चन्दन की लकीरों के लिए तरसेंगे माथे
बाजारों मे जल जायेंगे इन वेदों के नुसखे
ऐ धर्म के रखवालो, ये गोरे हैं ये गोरे
सोना ये चुरा लायेंगे मंदिर के कलस से
उट्ठो कि यह मौका नहीं आराम का लोगो
तलवार चले, नाम लो अब राम का लोगो
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