Wednesday, February 4, 2009

GAZAL

शादी हो कहीं गाना बजाना हो तो सोचें
त्योहार पे अब जश्न मनाना हो तो सोचें
होली में अगर रंग उड़ाना हो तो सोचें
दीवाली में इक दीप जलाना हो तो सोचें
अब ईद भी रूठी हुई कोने में खड़ी है
पाँवों में सिवईयों के भी जंजीर पड़ी है

2 comments:

  1. अब ईद भी रूठी हुई कोने में खड़ी है
    पाँवों में सिवईयों के भी जंजीर पड़ी है

    --वाह!! बहुत नायाब चीज लाये हैं.

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  2. त्योहार पे अब जश्न मनाना हो तो सोचें
    दीवाली में इक दीप जलाना हो तो सोचें

    Katu sachai hai in panktiyon mein.

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