अब ईद भी रूठी हुई कोने में खड़ी हैपाँवों में सिवईयों के भी जंजीर पड़ी है--वाह!! बहुत नायाब चीज लाये हैं.
त्योहार पे अब जश्न मनाना हो तो सोचेंदीवाली में इक दीप जलाना हो तो सोचेंKatu sachai hai in panktiyon mein.
अब ईद भी रूठी हुई कोने में खड़ी है
ReplyDeleteपाँवों में सिवईयों के भी जंजीर पड़ी है
--वाह!! बहुत नायाब चीज लाये हैं.
त्योहार पे अब जश्न मनाना हो तो सोचें
ReplyDeleteदीवाली में इक दीप जलाना हो तो सोचें
Katu sachai hai in panktiyon mein.