बहुत बढिया गज़ल प्रेषित की है।
जलती हुई करघे का धुआँ आने लगा हैमलमल भी बिलायत से यहाँ आने लगा है--आभार इस प्रस्तुति का. मजा आ गया.
बहुत बढिया गज़ल प्रेषित की है।
ReplyDeleteजलती हुई करघे का धुआँ आने लगा है
ReplyDeleteमलमल भी बिलायत से यहाँ आने लगा है
--आभार इस प्रस्तुति का. मजा आ गया.