राही मासूम रजा
÷÷मुझे पानी चाहिए।'' लड़के कहा।
÷÷मुझे पेड़ पर से उतारो।'' लड़की ने कहा।
÷÷जब तुम्हें उतरना नहीं आता तो तुम चढ़ी क्यों थीं।''
÷÷एक फ़िल्म में देखा था।'' लड़की ने जवाब दिया।
÷÷मगर मैं किसी फ़िल्म का हीरो नहीं हूँ।'' लड़के ने कहा।
÷÷तो तुम्हारी कार ठीक पेड़ के नीचे क्यों रुकी?'' लड़की ने सवाल किया। ÷÷वैसे मैं भी किसी फिल्म की हीरोइन नहीं हूँ।''
÷÷अच्छा?''
÷÷हाँ। लड़की बोली। ÷÷मैं बी.ए. में पढ़ती हूँ।'' ÷÷छुट्टियाँ गुज+ारने बाबा के घर आयी हूँ।''
÷÷अच्छा।'' लड़के ने यूं कहा जैसे उसकी समझ में यह बात आ गई हो कि लड़की पेड़ पर चढ़ी क्यों बैठी है।
÷÷तुम्हारे कालिज में पेड़ पर चढ़ना सिखाया जाता है क्या?''
÷÷तुम पागल हो।'' लड़की ने कहा। ÷÷कहा न कि कई फ़िल्मों में यह देखा है कि जब तक हीरोइन पेड़ पर नहीं चढ़ती हीरो नहीं आता।''
÷÷तो तुम हीरो की राह देख रही हो?''
÷÷तुम्हें गाना आता है?''
÷÷न''
÷÷तब तुम हीरो नहीं हो सकते।'' लड़की बोली। वह उदास हो गयी। उसकी बड़ी-बड़ी काली आंखों में धूल उड़ने लगी। वह पेड़ के नीचे आ गयी। ÷÷तुम्हारी गाड़ी भी पुरानी है। तुमने मेरे पेड़ के नीचे गाड़ी क्यों रोकी? ऐसी फटीचर गाड़ी लेकर हीरो बनने का शौक चराया है?''
÷÷गाड़ी खुद से रुक गई है।'' लड़के ने इधर कुछ कहा।
÷÷तुमने सैकेण्ड हैंड खरीदी थी?''
÷÷फोर्थ हैड''
÷÷क्यों?''
÷÷क्योंकि मैं नयी गाड़ी नहीं खरीद सकता।''
÷÷क्यों नहीं खरीद सकते?''
÷÷मेरे अब्बू एक मिनिस्टर से साझे में बिजिनेस कर रहे थे। वह मिनिस्टर हार गया। वह तो अब गवरनरी कर रहा है। और मेरे अब्बू जेल में हैं।''
÷÷अच्छा'' लड़की फिर पेड़ की तरफ बढ़ी।
÷÷पानी।'' लड़के ने कहा।
÷÷तुम कोई हीरो हो कि मैं तुम्हारी कार के लिए पानी लाऊं?''
लड़की बिगड़ गयी। ÷÷गाड़ी यहाँ से हटा लो। हीरो आयेगा तो गाड़ी कहां रोकेगा?''
÷÷हीरो नहीं आयेगा।''
÷÷क्यों नहीं आयेगा!'' लड़की ने एक शाख पकड़ते हुए कहा।
÷÷वह आजकल बेरोजगार है।''
लड़की हँस पड़ी। ÷÷तुम बिल्कुल पागल हो। हीरो सदा बेरोजगार होता है।'' यह कहकर लड़की गाने लगी।
यहाँ बदला वफा का बेवफाई के सिवा क्या है।
लड़का जमीन पर उकडू बैठ गया...
÷÷ओ मेरे हीरो रे हीरो रे हीरो।'' लड़की ने मुँह के दाहिनी तरफ दाहिने हाथ की दीवार बनाकर आवाज+ लगायी।
÷÷ज्+यादा चीखोगी तो आवाज+ फंस जायेगी।'' लड़के ने कहा।
÷÷हीरो को पुकारने से आवाज+ नहीं फंसती।''
÷÷मगर तुमने ही तो कहा था कि तुम हीरोइन नहीं हो बल्कि छुट्टियां गुजारने नान के यहां आयी हो।''
÷÷हां''
÷÷इसलिए तुम्हारी आवाज फंस सकती है।''
÷÷मैंने यह नहीं सोचा था।''
÷÷वैसे तुम्हारे नाना क्या करते हैं?''
÷÷मेरे नाना को कुछ करने की क्या ज+रूरत है । ÷÷लड़की फिर बिगड़ी।'' ÷÷मेरे नाना बहुत बड़े जमींदार है।''
÷÷जमींदार?''
÷÷तुम तो ऐसा चौंके जैसे जमींदार होना नामुकिन हैं?''
÷÷दस-बारह बरस पहले सुना था कि जमींदारी खत्म हो गयी।''
÷÷हट झूठे।'' लड़की ने बड़े प्यार से कहा। जैसे वह कोई बच्चा हो। ÷÷खत्म तो बस कहानी होती है। आये भी वह गये भी वह खत्म फसाना हो गया.... लड़की ने फिर गाना शुरू कर दिया।
÷÷अजीब पागल लड़की है।'' लड़का बड़बड़ाया।
÷÷मेरा नाम उम्मे सलमा है।'' लड़की ने कहा।
÷÷बड़ा फटीचर नाम है। बिलकुल नहीं चलेगा।''
÷÷मेरे नाना ने रक्खा था।'' लड़की ने बुरा माने बगैर कहा। ÷÷मेरे नाना से मिलोगे?''
÷÷हाँ'' लड़का बोला।
लड़की फिर पेड़ से उतर आयी।
÷÷नाना ने पूछा कि तुम कौन हो तो क्या बताओगे?''
÷÷कह दूंगा कि मैं मैं हूँ।''
÷÷लड़की खिलखिला कर हँस पड़ी।'' मैं तुम्हारा नाम मैं है।
÷÷वह फिर हंसने लगी।'' उसकी आँखों से पानी बहने लगा यह तो इसके आगे पीछे क्या है?
आगे पीछे?
÷÷हाँ, तुम मैं हुसैन हो या मैं नाय!''
÷÷ओह!'' लड़का भी हँस पड़ा। मेरा नाम मैं नहीं है।
÷÷अभी तो तुमने कहा था कि तुम्हारा नाम मैं है।'' लड़की बुरा मानकर फिर पेड़ पर चढ़ गयी।
÷÷मेरा नाम मनमोहन है। माँ-बाप पंजाब के थे। मैं यू.पी. का हूँ।
÷÷मुझे पंजाब से नफ़रत है।''
÷÷क्यों?''
÷÷लोग कहते हैं कि उन्होंने पंजाब में दूसरी शादी कर ली है।''
÷÷पगली'' एक लड़के ने दूर से आवाज+ लगायी।
÷÷खड़ा तो रह हरामजादे।'' लड़की पेड़ से कूद कर उस बच्चे के तरफ लपकी।'' अभी नाना से कहती हूँ कि वह तेरे बाप को भी पंजाब भेज दें।
÷÷यह लड़की कौन है।'' लड़के ने एक गाँव वाले से पूछा।
÷÷पगली है।'' गाँव वाले ने कहा। ÷÷इसके मियाँ ने पाकिस्तान में दूसरी शादी कर ली है।''
÷÷और यह बच्चा कौन था?''
÷÷इसी का बेटा था।''
÷÷मगर .......''
÷÷इसी गाँव का कोई आदमी इसका बाप है।''
लड़का उस आदमी का मुँह देखता रह गया। वह पानी मांगना भी भूल गया। उम्मे सलमा अब भी उस बच्चे के पीछे भाग रहीं थी। और वह उसे पगली कह-कह कर चिढ़ा रहा था। और हँस रहा था।
(साभार- सारिका पत्रिाका)
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