राही मासूम रज़ा का साहित्य ( RAHI MASOOM RAZA )
Friday, February 13, 2009
GAZAL
भिखमंगा हो, धोबी हो, वह भंगी हो कि नाई
साधू हो कि जोगी हो, वह बाबा हो कि माई
वह गाँव का मुखिया हो, कि बीवी का हो भाई
जो आया सिपाही के लिए यह खबर आई
या राह में, या गाँव में उसने यह सुना है
हर गाँव,हर एक शहर बगावत पे तुला है
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