Wednesday, March 4, 2009

GAZAL

पटना के सब मुल्ला यूं तो कहने को थे वहाबी
लेकिन सर से पांवों तलक थे सारे मुल्ला हिन्दी
उन सबने जब चार तरफ यह घोर निराशा देखी
तब कुरान के जुजदानों (बस्ता) में एक कटार-सी चमकी
उन सबने तब पाल बनाई पैगम्बर के दामन की
सुनो भाइयो, सुनो भाइयो, कथा सुनो सत्तावन की

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