Tuesday, March 10, 2009

GAZAL

इक्का वालों में से इक ने उनको दिया रुपैया
और कहा यह इनसे दिल्ली से आयेगा पहिया
उन दोनों का हश्र हुआ क्या यह न किसी ने जाना
उसके बाद न फिर उन दोनों को दुनिया ने देखा
जाने कब तक राह तका की राह उन्हें मतवालन की
सुनो भाइयो, सुनो भाइयो, कथा सुनो सत्तावन की

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