पटना के सब मुल्ला यूं तो कहने को थे वहाबी
लेकिन सर से पांवों तलक थे सारे मुल्ला हिन्दी
उन सबने जब चार तरफ यह घोर निराशा देखी
तब कुरान के जुजदानों (बस्ता) में एक कटार-सी चमकी
उन सबने तब पाल बनाई पैगम्बर के दामन की
सुनो भाइयो, सुनो भाइयो, कथा सुनो सत्तावन की
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