यह सब देख के अंग्रेजों के पाँव की धरती सरकी
सोन किनारे ऐसे ही में झूमके आई दोरी (यह मेला अब भी लगता है)
मेंढे गायें बरघों की जोड़ी (बैलों की जोड़ी) और घोड़ा हाथी
बच्चे कच्चे बूढ़े वाले मर्द के साथ लुगाई (पति-पत्नी)
धूम धड़क्का भीड़ भड़क्का गीत पे ढोलक भी ठनकी
सुनो भाइयो, सुनो भाइयो, कथा सुनो सत्तावन की
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