- सग़ीर अशरफ़
बदलते परिवेश में हमारे सामाजिक सरोकारों को जिस सोची समझी साजिश ने तहत जख्मी किया जा रहा है, सदियों पुरानी मान्यताओं को झुठलाया जा रहा है, आदर्शों और संस्कारों पर सवाल उठाये जा रहे हैं, उससे आजीवन अन्याय के खिलाफ़ एक सियासी की तरह जंग लड़ने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, एकता के संवाहक डॉ० राही मासूम रजा की चमक भी कुछ कम होती प्रतीत हुई है।
राही ऊर्जावान कवि, प्रतिभा संपन्न उपन्यासकार, समर्थ पट-कथा एवं संवाद लेखक और इस सबसे बढ़कर एक विचारधारा तथा जीवनभर राष्ट्र को समर्पित एक व्यक्तित्व थे। अपने दौर और समाज से सीधा रिश्ता रखते थे। उनकी क़लम मानव मन के अधिकारों को बख़ूबी रेखांकित करती थी। इसीलिए उनका रचना संसार राष्ट्र-धर्म और भाषा पर आधारित रहा। राष्ट्र और राष्ट्रीयता के सजग प्रहरी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले ओजस्वी साहित्यकार राही मासूम रजा की लेखनी ने राष्ट्र को सदैव सर्वोपरि रखा राष्ट्रीय एकता विषय पर लिखी उनकी उर्दू कविता नारेबाजी चर्चा में रही। इस लेख का शेष भाग राही विशेषांक में पढ़े.... http://rahimasoomraza.blogspot.com/2008/10/blog-post_7125.html इस पर क्लिक करें .और जानकारी प्राप्त करें.
बदलते परिवेश में हमारे सामाजिक सरोकारों को जिस सोची समझी साजिश ने तहत जख्मी किया जा रहा है, सदियों पुरानी मान्यताओं को झुठलाया जा रहा है, आदर्शों और संस्कारों पर सवाल उठाये जा रहे हैं, उससे आजीवन अन्याय के खिलाफ़ एक सियासी की तरह जंग लड़ने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, एकता के संवाहक डॉ० राही मासूम रजा की चमक भी कुछ कम होती प्रतीत हुई है।
राही ऊर्जावान कवि, प्रतिभा संपन्न उपन्यासकार, समर्थ पट-कथा एवं संवाद लेखक और इस सबसे बढ़कर एक विचारधारा तथा जीवनभर राष्ट्र को समर्पित एक व्यक्तित्व थे। अपने दौर और समाज से सीधा रिश्ता रखते थे। उनकी क़लम मानव मन के अधिकारों को बख़ूबी रेखांकित करती थी। इसीलिए उनका रचना संसार राष्ट्र-धर्म और भाषा पर आधारित रहा। राष्ट्र और राष्ट्रीयता के सजग प्रहरी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले ओजस्वी साहित्यकार राही मासूम रजा की लेखनी ने राष्ट्र को सदैव सर्वोपरि रखा राष्ट्रीय एकता विषय पर लिखी उनकी उर्दू कविता नारेबाजी चर्चा में रही। इस लेख का शेष भाग राही विशेषांक में पढ़े.... http://rahimasoomraza.blogspot.com/2008/10/blog-post_7125.html इस पर क्लिक करें .और जानकारी प्राप्त करें.
2 comments:
अत्यन्त सुन्दर प्रयास है फ़िरोज़ भाई
यह फोटू आपका है कि राही मासूम रजा का ?
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